❤श्री गोकुलनाथ❤
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सांवरो नन्द नन्दन, दीठ पड्याँ माई।डार्यां सब लोक लाज सुध बुध बिसराई।मोर चन्द्रका किरीट मुगट जब सोहाई।केसर रो तिलक भाल लोचन सुखदाई।कुण्डल झलकाँ कपोल अलकाँ लहराई।मीणा तज सरवर ज्यों मकर मिलन धाई।नटवर प्रभु भेष धर्यां रूप जग लोभाई।गिरधर प्रभु अंग अंग, मीरा बलि जाई।।
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